नागौर जिले की कविता • Nagaur Poem

 

नागौर जिले का इतिहास, भूगोल, कला और संस्कृति और पर्यटन स्थल पर शानदार कविता जरूर पढ़ें ।


मैं हूं नागौर

रंग बिरंगे त्यौहार यहां पशु मेले मचाए शोर यहां ,

छम छम बिरखा बरसे मीठा बोले मोर यहां, 

38 लाख जनसंख्या मेरी और 

17 हजार वर्ग किलोमीटर है क्षैत्रफल, 

मैं ही अहिछत्रपुर हूं जांगल प्रदेश की राजधानी , 

मतीरे की लड़ाई पहोबा और 

गिंगोली का युद्ध प्रसिद्ध वीर कहानी। 

 लाडनूं में जन्में अणुव्रत आंदोलन 

के प्रणेता आचार्य तुलसीदास, 

संत हमीनुद्दीन की दरगाह यहां 

और यहीं के है संत हरिदास और नवलदास, 

जोजड़ी नदी बहती यहां 

प्रसिद्ध झीलें है-कुचामन डेगाना और डीडवाना ,

मैं धातु नगरी हूं 

सफेद मार्बल के लिए प्रसिद्ध हैं मकराना, 

 औजार नगरी कहते मुझे यहां 

टंगस्टन के लिए प्रसिद्ध हैं डेगाना ।

जाटों का रोम कहलाऊं 

कई वीरों का जन्मस्थान, 

खड़नाल में जन्मे तेजाजी 

प्रसिद्ध तेजाजी की थान, 

लांछा गुजरी की गाय छुड़ाकर 

दिया था अपना बलिदान, 

प्रसिद्ध अमरसिंह राठौड़ की वीरता 

और कल्लाजी राठौड़ का जन्मस्थान, 

 पीपासर में जन्में संत जांभोजी 

जिनके उनतीस नियमों का होता गुणगान, 

कुचामनी ख्याल फैमस यहां 

 जिसके प्रवर्तक है लच्छीराम , 

यहां ब्राह्मणी-माता भंवालमाता 

और प्राचीन केवाय माता का धाम ।


यहां भक्त शिरोमणि कर्माबाई और फुलाबाई, 

मेड़ता की धरती पे जन्मी भक्त मीराबाई, 

गोट-मांगलोद में दधिमाता और यहां रानाबाई।

यहां हैं खींवसर किला यहां है कुचामन किला, 

नागौर का है बहुत सुंदर यहां है नागौर किला, 

श्री बलदेव पशुमेला, 

मानासर रामदेव पशुमेला, 

परबतसर में भरता है 

वीर तेजाजी पशुमेला, 

ऊंटों की दौड़ सांड की लड़ाई, 

देखे जहां सारे बहन भाई, 

ऊंट बैल और घोड़ों का यहां होता व्यापार है , 

कठपुतली जादूगर और लगता मिर्ची-बाजार है ,

बड़े धूमधाम से मनाते नागौरी त्यौहार है।


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