जालौर जिले की कविता • Jalore Poem

हैलो दोस्तों हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है। जालौर जिले की शानदार कविता जरूर पढ़ें। सांचौर, रानीवाड़ा, भीनमाल आदि शहरों का इतिहास, भूगोल, कला और संस्कृति,  पर्यटन स्थल पर कविता है।

मैं हूं जालौर
यही पर है रानीवाड़ा, बागरा, सायला और सांचौर। 
प्रमुख नगर है  जसवंतपुरा, भीनमाल, और आहौर। 
राजस्थान की सुवर्णनगरी मैं बोल रहा हूं जालौर। 
राजस्थान का पंजाब कहलाता हैं शहर सांचौर, 
नर्मदा कैनल आती यहां 
 हरियाली है जहां चारों और। 

21 लाख जनसंख्या मेरी और 
10 हजार वर्ग किलोमीटर है क्षैत्रफल मेरा ,
यहां तप करते थे ऋषि जबालि, 
कीर्तिपाल ने चौहान वंश की यहां नींव डाली,  
राजा कान्हड़देव हुए यहां बलिदानी, 
विरमदेव फिरोजा की प्रसिद्ध प्रेमकहानी, 
भीनमाल नगरी थी गुर्जरात्रा की राजधानी, 
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने लिखी ये कहानी, 
लूणी, सुकड़ी, जवाई नदी का बहता पानी, 
नर्मदा नहर परियोजना से यहां आता पानी

ग्रेनाइट सिटी कहते मुझको,  
पीले गुलाबी ग्रेनाइट का भंडार, 
सिरे मंदिर में जालंधरनाथ, 
और दांतलावास में सुंधामां का दरबार। 
आशापुरी माता और फताजी मंदिर, 
वराह मंदिर में प्रभु श्याम की जैकार ।
भीनमाल में ईसबगोल मंडी 
और यहां है सूर्यमंदिर है शानदार, 
और यहीं महाकवि माघ का निवास, 
यहीं है प्रसिद्ध ज्योतिष ब्रह्मगुप्त का द्वार। 
ढोल नृत्य और लुंबर नृत्य करते यहां, 
सेवड़िया मेले में पशुओं का व्यापार। 
सुवर्णगीरि जालधरदुर्ग कहते जिसको, 
खोल सके ना कोई जिसके द्वार, 
वो है प्रसिद्ध जालौर दुर्ग 
निर्माणकर्ता है इसके गुर्जर प्रतिहार, 
दसवीं शताब्दी में पुनःनिर्माण 
करने वाले थे धारावर्ष परमार , 
जोगमाया और चामुंडा मां मंदिर यहां 
होवे जिनकी रोज जयकार,
पथमेड़ा में बड़ी गौशाला यहां, 
सुंधामाता के पास है भालुओं का संसार,   
श्रीमाल में है विशाल जैन-मंदिर, 
मैं नगर हूं बड़ा शानदार।

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