कोटा जिले की शानदार कविता जरूर पढ़ें।
कोटा जिले का संपूर्ण इतिहास, भूगोल, कला और संस्कृति, पर्यटन स्थल आदि पर शानदार कविता है ।
मैं हूं कोटा
राजस्थान की शिक्षा नगरी,
दशहरा मेले में घूमे जहां डॉलर चकरी,
यहीं पर बूंदी की रानी की बावड़ी,
यहां हैं हनुमानजी का धाम गोदावरी
किशोर सागर और जग मंदिर पैलेस,
कोटा-बैराज चंबल-गार्डन और गढ़ पैलेस ,
बूढ़ादीद का सूर्य मंदिर और
कंसूआ में बिराजे देव महेश ,
525 शिवलिंगों वाला शिवपुरी धाम
और यहां खड़े देव गणेश।
यहां कोटा दुर्ग और कोटा का हवा महल,
खूबसूरत छत्रविलास और जगमंदिर महल,
अहिंसा वाटिका अकेलगढ़ और यहां अभेड़ा महल, कोटिया भील ने बनाया नीलकंठ शिव मंदिर
और यहां गुलाब महल,
मुकुंदरा हिल्स अभ्यारण में है
सुंदर अबली मीणी महल ।
एकमात्र विभीषण मंदिर यहां
और सेवन वंडर्स पार्क का सुंदर नजारा ,
मधुराधीश मंदिर यहां और
यहां गडरिया महादेव का अद्भुत द्वारा,
जवाहर सागर अभ्यारण यहां
और गैपरनाथ झरने का सुंदर नजारा,
दर्रा अभ्यारण्य फैमस यहां,
घड़ियाल मगरमच्छ से भरा चंबल किनारा,
कैथून में है बड़ा साड़ी बाज़ार,
होते यहां बड़े बड़े कारोबार,
हाड़ोती बोलते लोग यहां मैं हूं ज्ञान का भण्डार ,
दूर दराज से आते विद्यार्थी अर्जित करने ज्ञान विज्ञान, वाणिज्य कला तकनीकी अभियांत्रिकी
और खुला महावीर वर्धमान,
आईआईटी यूजी व पीजी विश्वविद्यालय है
यहां अनेको है कोचिंग संस्थान,
नदियां बहती बहुत यहां
मैं कोटा हूं बहुत महान,
माधोसिंह प्रथम मेरे संस्थापक,
कोटिया भील से पड़ा मेरा नाम,
मुझे कहते है राजस्थान का कानपुर
नालंदा और कहते मुझे नंद ग्राम,
कोटा शैली के शिकार चित्र
और कोटा स्टोन यहां का प्रसिद्ध काम,
नयनूराम शर्मा और अभिन्न हरि ने
स्थापित किया यहां कोटा प्रजामंडल ,
22 लाख जनसंख्या मेरी और
52 सौ वर्ग किलोमीटर क्षैत्रफल।
हैलो दोस्तों मेरी ये कविता आपको कैसी लगीं ,हमें कमेंट में बताएं।
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