सिरोही जिले की कविता • Sirohi, Mount Abu, Dilwara Poem •

हैलो फ्रैंड्स, आज हम पढ़ेंगे पहाड़ों के बीच बसी एक छोटी सी देवनगरी सिरोही जिले की शानदार कविता। साथ ही माउंट आबू, दिलवाड़ा, अचलगढ के सुंदर नजारे भी इस कविता में पढ़ने को मिलेगा।
#SIROHI #Poem 




मैं हूं सिरोही 

देवड़ा चौहानों ने यहां शासन किया फैमस यहां आबू अचल ,

1425 में मुझको बसाया बसाने वाले शोभाजी पुत्र शेशथमल, 

इन्होंने ही सिरोही किला बनवाया कहते मुझे अर्बुदांचल, 

चंद्रावती थी पुरानी राजधानी परमारों की रही यहां हलचल , 

देशभक्त गोकुलभाई भट्ट ने बनाया यहां सिरोही प्रजामंडल ,

12 लाख जनसंख्या मेरी और 

51 सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल, 

करते लोग यहां नृत्य लूर, जावड़ा,

 वालर रायण और नृत्य मांदल ,

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राणा कुम्भा ने बनाया यहां वसंत गढ , 

परमारों ने बनाया अचल गढ । 


माउंट आबू अभ्यारण यहां चंद्रावती सभ्यता है पुरानी, 

रसिया बालम और कुंवारी कन्या की प्रसिद्ध हैं प्रेम कहानी , 

माउंट आबू है एक खूबसूरत स्थान, 

राज्य का सर्वाधिक वर्षा वाला और ठंडा स्थान, 

 जून में मनाते यहां ग्रीष्म महोत्सव, 

दिसम्बर में मनाते यहां शरद महोत्सव।


जहां है माउंट आबू ऊंचा जहां है गुरु शिखर, 

अरावली की गोद में हूं कहते मुझको देवनगर, 

यूं ही नही कहते मुझमें स्थित है मन्दिर अनेक ,

आओगे तुम कभी यहां दंग रह जाएंगे नजारे देख, 


नाम 'सिरोही' इस नगरी का हर मन को सम्मान जहाँ हैं ।


भूतेश्वर सार्णेश्वर आंबेश्वर कांबेश्वर महादेव मंदिर, 

गोपेश्वर वोवेश्वर मार्कण्डेश्वर रामेश्वर महादेव मंदिर, 

लीलाधारी ढेकुनाथ वेजनाथ नीलकंठ महादेव मंदिर, 

हिंगलाज सुंधा सच्चियां माता के सुंदर मंदिर, 

आबू में अचलगढ़ पावागिरी देलवाड़ा के जैन मंदिर, 

आबू पर्वत में ही है नक्की झील और गोमुख मंदिर, 


राजस्थान की ऊंची चोटी कहते जिसको शिमला,

ये गुरु शिखर है, आ के जहां मौसम बदला

ठंडी ठंडी हवा चले प्यारे प्यारे बादल, 

इस पल ऐसा लगे मानों ये है हिमाचल, 

देखने सुंदर नजारा आना जरुर आजकल


दोस्तों आपको ये कविता कैसी लगी कमेंट में बताएं।

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